संतों, शहीदों और महापुरुषों को सप्तसुरी श्रद्धांजलि अर्पित की नवमानव सृजनशील चेतना समिति



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संतों, शहीदों और महापुरुषों को सप्तसुरी श्रद्धांजलि अर्पित की 

नवमानव सृजनशील चेतना समिति की 2022 की चतुर्थ काव्यसंध्या संपन्न

भीलवाड़ा, फरवरी। अग्रणी साहित्यिक संस्था नवमानव सृजनशील चेतना समिति की ओर से भदादा बाग के पीछे स्थित ओशो सुरधाम ध्यान केंद्र में विश्व मातृभाषा दिवस के अवसर पर 2022 की चौथी काव्यसंध्या आयोजित की गई। अध्यक्षता व संचालन संस्था संयोजक डॉ एसके लोहानी खालिस ने किए,मुख्य अतिथि वयोवृद्ध कवि गुलाब मीरचंदानी एवं विशिष्ट अतिथि शिक्षाविद् डॉ एमपी जोशी थे। मधुर सरस्वती वंदना लाजवंती शर्मा ने प्रस्तुत की।

महासचिव कविता लोहानी ने बताया कि काव्यसंध्या के शुभारंभ गुलाब मीरचंदानी की हाईकू 'भीगे नयन,आओ लता दीदी को,करें नमन', 'श्रद्धापूर्वक मातृ-पितृ पूजन आओ मनाएं', 'मक्खी ना बनें,हां मधुमक्खी बनें,फूलों को चुनें' एवं कविता 'प्यार का पहला अक्षर ही अधूरा है' से हुआ। श्यामसुंदर तिवाड़ी मधुप ने छंद 'भगवंती नावाणी के जन्म पर खुशियां हैं अपरंपार' एवं 'सुत थे गुरु गोविंदसिंह के,चुने गए प्राचीर', ओम उज्जवल ने 'गुजरिया गंगाजी मत जा,गांव रूपालो लागे', ताराचंद खेतावत ने 'हल्का कि भारी सीने में दर्द कैसा है,यूं रोता है पगले तू मर्द कैसा है', डॉ एमपी जोशी ने 'हिंदी हिवड़ा में विराजे,गोरा डरफ डरफ के भागे', किरण आगाल ने 'ऐ चांद अपने सौंदर्य पर यूं करो ना गुमां', ललिता शर्मा नयास्था ने 'आ हिंदी बैठ तनिक मैं तेरा श्रृंगार करूं', रंजनासिंह चाहर ने 'उनके बलिदानों की गाथा तुमको बताऊं आज,धन्य-धन्य हो तुम तो सूरजमल जी जाट', लाजवंती शर्मा ने 'जननी रो आंचल अनमोल,उणरो मान सदा ही रखजो', योगेंद्र सक्सेना योगी ने 'रात सखी सपने में आकर झूला झुलायो,झूम उठे धरती अंबर नटवर एसो रास रचायो' और डॉ एसके लोहानी खालिस ने 'मैं सहज हूं सरल हूं और सजग हूं,मानो तो सर्व भाषाओं की अग्रज हूं' एवं 'हिंदी भाषा प्रेम और माधुर्य की जननी है,हिंदी मान और आत्मसम्मान की सरणी है' सरीखी एक से बढ़कर एक रचनाएं प्रस्तुत कर विश्व मातृभाषा दिवस एवं काव्यसंध्या को सार्थक बनाया।

काव्यसंध्या के श्रेष्ठ रचनाकार के रूप में ललिता शर्मा नयास्था को चुना गया और उन्हें उपरना,माला पहनाकर व प्रशस्ति-पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया। अभिलाषा जोशी एवं रूपाली शर्मा ने भी सशक्त उपस्थिति दर्ज कराई।

अंत में दो मिनट मौन रखकर पं.दीनदयाल उपाध्याय,गुरू गोबिंदसिंह के साहबजादों, पुलवामा शहीदो,सुभद्राकुमारी चौहान, गोपालकृष्ण गोखले,वीर सावरकर,चंद्रशेखर आजाद,डॉ राजेंद्र प्रसाद,गोधरा ट्रेन हिंदू शहीदों को इस माह में पुण्यतिथि होने पर और हाल ही दिवंगत भारत-रत्न लता मंगेशकर एवं संगीतकार बप्पी लाहिड़ी को श्रद्धांजलि दी गई।





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