डॉ सुमन बिस्सा के कविता संग्रह मन के भीतर मन का लोकार्पण



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डॉ सुमन बिस्सा के कविता संग्रह मन के भीतर मन का लोकार्पण 
वरिष्ठ साहित्यकार भवानी शंकर व्यास विनोद एवं श्रीमती आनंदकोर व्यास के सान्निध्य में हुआ आयोजन 

बीकानेर/ शब्दरंग साहित्य एवं कला संस्थान के तत्वावधान में सुप्रसिद्ध कवयित्री डॉ सुमन बिस्सा के कविता संग्रह मन के भीतर मन का लोकार्पण पवनपुरी में शुक्रवार को किया गया । वरिष्ठ साहित्यकार भवानी शंकर व्यास विनोद एवं श्रीमती आनंदकोर व्यास के सान्निध्य में आयोजित लोकार्पण कार्यक्रम में  मुख्य अतिथि कवि- कथाकार राजेन्द्र जोशी ने कहा की डॉ. सुमन बिस्सा बहुआयामी कवियत्री है जिनकी कविताओं में मानव मन की गहन अनुभूतियां है । जोशी ने कहा कि कवयित्री प्रकृति मन की रचनाकार है, वे प्रकृति के भीतर बैठकर रचती है। कार्यक्रम अध्यक्ष डॉ. अजय जोशी ने कहा कि डॉ. बिस्सा शब्दो की कुशल शिल्पी है । जिन्होंने कविता के विभिन्न छंदों का अनूठा प्रयोग किया है । विशिष्ट अतिथि आलोचक डॉ. नीरज दइया ने कहा कि पुस्तक में रचनाओं में साहित्य जगत में प्रयोग लक्षित होते है ।  व्यंग्यकार बुलाकी शर्मा ने कहा कि कवियत्री का रचनाकर्म प्रेरणादायक है  । कार्यक्रम में डॉ. रेणुका व्यास ने लोकार्पित कृति पर पत्र वाचन किया । कार्यक्रम में संस्थान के अध्यक्ष राजाराम स्वर्णकार ने का कवियत्री डॉ.सुमन के व्यक्तित्व कृतित्व पर व्याख्यान दिया । संयोजक वरिष्ठ लेखक अशफाक कादरी ने बताया कि कार्यक्रम में सखा संगम के समन्वयक चंद्रशेखर जोशी, वरिष्ठ रंगकर्मी बी. एल. नवीन, वरिष्ठ कवियत्री प्रमिला गंगल, प्रेरणा प्रतिष्ठान के अध्यक्ष प्रेम नारायण व्यास, श्रीमती सरोज बिस्सा ने भी विचार रखे । संस्कृतिकर्मी एन. डी. रंगा ने धन्यवाद ज्ञापित किया ।

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