बीकानेर में लोको पायलट विश्राम गृह के कर्मचारियों ने श्रमदान कर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को नमन किया

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बीकानेर में लोको पायलट विश्राम गृह के कर्मचारियों ने श्रमदान कर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को नमन किया 

 बीकानेर आज दिनांक 30 जनवरी के दिन राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर लोको लॉबी बीकानेर में लोको पायलट विश्राम गृह के कर्मचारियों ने लोको लॉबी में श्रमदान कर श्रद्धांजलि अर्पित की ।

लोको पायलट विश्रामगृह के सुपरवाइजर और शहर कांग्रेस कमेटी के सचिव अब्दुल रहमान लोदरा ने बताया कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी सत्य और अहिंसा पर चलकर देश को आजादी दिलाई शहर कांग्रेस कमेटी के सचिव लोदरा ने कहां की हम सबको राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जीवन से प्रेरणा लेकर उनकी आदर्शों को अपनाने की आवश्यकता है।

लोको पायलट विश्रामगृह के साइट इंचार्ज मयंक दत्त ने कहा कि दक्षिण अफ्रीका में गान्धी को भारतीयों पर भेदभाव का सामना करना पड़ा। आरम्भ में उन्हें प्रथम श्रेणी कोच की वैध टिकट होने के बाद तीसरी श्रेणी के डिब्बे में जाने से इन्कार करने के लिए ट्रेन से बाहर फेंक दिया गया था। इतना ही नहीं पायदान पर शेष यात्रा करते हुए एक यूरोपियन यात्री के अन्दर आने पर चालक की मार भी झेलनी पड़ी। उन्होंने अपनी इस यात्रा में अन्य भी कई कठिनाइयों का सामना किया। अफ्रीका में कई होटलों को उनके लिए वर्जित कर दिया गया। इसी तरह ही बहुत सी घटनाओं में से एक यह भी थी जिसमें अदालत के न्यायाधीश ने उन्हें अपनी पगड़ी उतारने का आदेश दिया था जिसे उन्होंने नहीं माना। ये सारी घटनाएँ गान्धी के जीवन में एक मोड़ बन गईं और विद्यमान सामाजिक अन्याय के प्रति जागरुकता का कारण बनीं तथा सामाजिक सक्रियता की व्याख्या करने में मददगार सिद्ध हुईं। दक्षिण अफ्रीका में भारतीयों पर हो रहे अन्याय को देखते हुए गान्धी ने अंग्रेजी साम्राज्य के अन्तर्गत अपने देशवासियों के सम्मान तथा देश में स्वयं अपनी स्थिति के लिए प्रश्न उठाये।

इस मौके लोको पायलट विश्रामगृह के मयंक दत्त, अब्दुल रहमान लोदरा, जयदेव जावा, नरेंद्र यादव , शिव शंकर पड़िहार, नारायण चांवरिया, सुनील घारू असलम खान आदि ने श्रमदान किया ।








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