बीकानेर : मातृशक्ति ने बयां की लुगाई री पीड़, मननीय है खामोश आवाजें इन्द्रा व्यास की हिन्दी-राजस्थानी की दो पुस्तकों का लोकार्पण

 *सीधी-सट्ट*





बीकानेर : मातृशक्ति ने बयां की लुगाई री पीड़, मननीय है खामोश आवाजें

इन्द्रा व्यास की हिन्दी-राजस्थानी की दो पुस्तकों का लोकार्पण


बीकानेर 

लालकवि साहित्योत्थान समिति एवं जागरूक महिला मंच के संयुक्त तत्वावधान में सामाजिक कार्यकर्ता एवं साहित्यकार इन्द्र व्यास की दो हिन्दी-राजस्थानी कविता संग्रहों का लोकार्पण अतिथियों ने किया । लोकार्पण समारोह के संयोजक संचालक अविनाश व्यास ने बताया कि इन्द्रा व्यास के राजस्थानी कविता संग्रह "लुगाई री पीड़" एवं हिन्दी कविता संग्रह "खामोश आवाजें" का लोकार्पण हुआ। । इससे पूर्व भी इन्द्रा व्यास की तीन पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी है । कार्यक्रम की मुख्य अतिथि वरिष्ठ गीतकार प्रमिला गंगल ने कहा कि इन्द्रा व्यास की कविताएं समाज को सोचने का अवसर देती है उनकी कविताओं के विषय अनुभव से शब्दों में पिरोया गया है ।

कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ कवि- कथाकार राजेन्द्र जोशी ने की। जोशी ने कहा कि व्यास की कविताएं लोक से निकलती है, वे विषय की गहराई तक जाती है। 

  डॉ चेतना और डॉ रेणुका व्यास ने पत्र वाचन किया। कवयित्री इन्द्रा व्यास ने अपनी रचना प्रक्रिया की विस्तार से जानकारी दी। प्रारंभ में स्वागत भाषण साहित्यकार मनीषा आर्य सोनी ने किया। कार्यक्रम में वरिष्ठ चित्रकार सनू हर्ष का सम्मान किया गया । साहित्यकार डॉ कृष्णा आचार्य ने आभार प्रकट किया । 

लोकार्पण समारोह में साहित्यकार सरल विशारद, इरशाद अजीज , अभिषेक आचार्य, विजय लक्ष्मी आचार्य, मोनिका गौड़, प्रभा भार्गव, सहित अनेक महानुभावों ने शिरकत की ।

 

  





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