संदर्भों की समायोचित तार्किक व्याख्या शिक्षक ही कर सकता है: डाॅ. सक्सेना



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संदर्भों की समायोचित तार्किक व्याख्या शिक्षक ही कर सकता है: डाॅ. सक्सेना

गुरूजनों का हुआ सम्मान

बीकानेर। ‘समाज में शिक्षा के समान ही शिक्षक का भी स्थान महत्वपूर्ण है। शिक्षा का कार्य शिक्षक के अभाव में संपन्न नहीं हो सकता’ यह उद्बोधन लाॅयन्स क्लब मल्टीविजन बीकानेर की ओर से आयोजित शिक्षक दिवस पर गुरूजनों के सम्मान समारोह में मुख्य अतिथि जैन गल्र्स महाविद्यालय की प्रिंसिपल डाॅ. संध्या सक्सेना ने कही। उन्होंने कहा कि पुस्तकें, सूचनाएं और संदेश दे सकती हैं, किंतु संदर्भों की समायोचित तार्किक व्याख्या शिक्षक ही कर सकता है। हमारा सीखना कभी रूकना नहीं चाहिए। शिक्षक सबसे पहले विद्यार्थी होता है इसलिए अपने काम को बेहतर बनाने के लिए निरंतर नया सीखते रहें और अपने शिक्षकों के प्रति सदैव कृतज्ञ रहें।


कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही लाॅयन अंजूू जैन ने कहा कि गुरु हमारे जीवन में अज्ञान के अंधेरे को दूर करके ज्ञान का प्रकाश फैलाता है। हमारे जीवन में माता, पिता, भाई, मित्रा आदि कईं रिश्ते होते हैं लेकिन गुरु के साथ शिष्य के रिश्ते में जीवन के सभी रिश्ते शामिल होते है। इसलिए गुरु शिष्य का रिश्ता बहुत वृहत होता है।
सान्निध्य उद्बोधन के तहत लाॅयन्स क्लब बीकानेर मल्टीविजन के सचिव लाॅयन प्रमोद बहादुर सक्सेना ने कहा कि गुरू का व्यक्तित्व बहुआयामी होता है। गुरू हमें अपने हर आचरण से नया सीखाते ही रहते हैं।


इस अवसर पर लाॅयन नीरज भटनागर, लाॅयन शशांक सक्सेना, लाॅयन विजय शर्मा, लाॅयन अरूण जैन, लाॅयन उमाशंकर आचार्य, रचना सोनी उपस्थित रही।


इन गुरूजनों का हुआ सम्मान
लक्ष्मीनारायण सोनी, अमित व्यास, रामप्रकाश रंगा, सुनीता आचार्य, वंदना राजवंशी, उपासना जोशी, अंजली रंगा, आशु सोबत, गोविन्द नारायण शर्मा, रमा डागा, सपना जौहरी, रजनी कल्ला, प्रीति व्यास



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