विश्व हास्य दिवस पर कवियों ने खूब गुदगुदाया

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विश्व हास्य दिवस पर कवियों ने खूब गुदगुदाया






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विश्व हास्य दिवस पर कवियों ने खूब गुदगुदाया


 बीकानेर 2अप्रेल । विश्व हास्य दिवस (1 अप्रेल, मूर्ख दिवस)-पर नागरी भंडार की सुदर्शना कला दीर्घा बीकानेर में नवकिरण सृजन मंच की तरफ से हास्य व्यंग्य कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसमें शहर के आमंत्रित कवियों ने एक से बढ़कर एक हास्य व्यंग्य कविताओं की सस्वर प्रस्तुति देकर खूब तालियां बटोरी।


 स्वागत उद्बोधन देते हुए साहित्यकार राजेन्द्र जोशी ने कहा कि जीवन में हंसी का अपना एक अलग ही महत्व है । हंसना-हंसाना जीवन का हिस्सा है इससे शरीर में ऊर्जा का संचार होता है । नवकिरण सृजन मंच के अध्यक्ष डॉ. अजय जोशी ने सृजन मंच के उद्देश्यों को साझा करते हुए कहा कि शहर के नवांकुरों को मंच देने हेतु इसका गठन किया गया । 


अध्यक्षीय उद्बोधन देते हुए शिक्षाविद डॉ. अभयसिंह टॉक ने आज के दिन की उपादेयता को परिभाषित करते हुए कहा कि फाइनेंशियल वर्ष की समाप्ति पर काम के बोझ तले आदमी त्रस्त हो जाता है अतः स्वयं में नई ऊर्जा भरने हेतु हंसते हुए एक अप्रैल को मूर्ख दिवस मनाता है । 


मुख्य अतिथि मनीषा आर्य सोनी ने परम्पराओं के साथ एक अप्रैल हंसी खुशी मनाने को संस्कारों से जोड़ते हुए अपना हास्य गीत तुम मां के आंचल जा छिपते करके मुझसे राड़ पिया, लिखूंगी क्या क्या तुझपे मैं तेरे कितने रूप पिया सुनाकर माहौल को खुशमय बना दिया । विशिष्ट अतिथि राजाराम स्वर्णकार ने एक अप्रैल की महत्ता को इंगित करते हुए अपनी हास्य रचना-नई नई स्कूटी थी, पीछे बैठी ब्यूटी थी उसके नखरे नाज उठाना जैसे मेरी ड्यूटी थी सुनाकर खूब तालियां बटोरी । 


कार्यक्रम में डॉ. कृष्णा आचार्य, शंकरसिंह राजपुरोहित ने हास्य कॉमेडी गीत सुनाया वहीं संजय पुरोहित, आत्माराम भाटी ने व्यंग्य आलेख प्रतुत कर कार्यक्रम को ऊंचाइयां प्रदान की । संचालन करते हुए हास्य कवि बाबू बमचकरी ने बीच-बीच में हास्य की फुलझड़ियाँ छोड़ते हुए सबको हंसने पर मजबूर किया । 


कार्यक्रम में जुगलकिशोर पुरोहित, कैलाश टॉक, नेमचंद गहलोत,डॉ. मोहम्मद फारूक, डॉ.पंकज जोशी, राहुल रँगा, राजस्थानी कवि सुरेश सोनी, डॉ. जगदीश बारहठ, कासिम बीकानेरी, इंद्रा व्यास, संजय हर्ष, चन्द्रशेखर जोशी, एन डी रँगा, बी एल नवीन, शैलेन्द्र सरस्वती, नीलम पारीक, शिवकुमार व्यास ने अपनी हास्य रचनाओं के माध्यम से सभी को गुदगुदाया । 


कार्यक्रम में समाजसेवी ऋषिकुमार अग्रवाल, राजकुमार भाटिया, हरिकिशन व्यास, मधुसूदन सोनी ने अपनी तालियों की करतल ध्वनि से कार्यक्रम को गरिमा प्रदान की । संस्था की तरफ से आभार शिक्षाविद मोहनलाल जांगिड़ ने ज्ञापित किया ।

 इस कार्यक्रम की विशेषता ये रही कि तीन घण्टे चले इस कार्यक्रम में पूरे समय हॉल श्रोताओं से खचाखच भरा रहा, सभी ने रचनाओं का आनन्द लिया।  खूब हंसे और वाह-वाह से दाद देते हुए कवियों का हौसला बढ़ाते रहे ।
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